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Tuesday 30 June 2015

Births and Deaths under Civil Registration System Rajasthan Government Pehchan Webportal

Births and Deaths under Civil Registration System (CRS) - Rajasthan Government Pehchan Webportal

Visit http://pehchan.raj.nic.in/  to know more about CRS or Civil Registration System

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 लागू होने के बाद देश में जन्म, मृत्यु और मृत जन्म की घटनाओं का पंजीयन अनिवार्य हो गया है। अधिनियम के अंतर्गत राज्यों में नियुक्त मुख्य रजिस्ट्रार कार्यपालक प्राधिकारी है और राज्यों में सांख्यिकी रिपोर्ट के संकलन और रजिस्ट्रीकरण के कार्य के लिये उत्तरदायी है।

रजिस्ट्रीकरण के कार्य में कागजी कार्यवाही कम करने, समक अभिलेख के हस्तांतरण में तेजी लाने और प्रणाली को आधुनिक तकनीकों के प्रयोग के अनुरूप बनाने की कड़ी में आई.एस.एस.पी. परियोजना के अंतर्गत उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों से जन्म-मृत्यु पंजीयन का Web-Site तैयार कराया गया है। इस Web-Site के माध्यम से पंजीयन के महत्वपूर्ण प्रावधानों, प्रक्रिया, आवेदन पत्र, प्रमाण पत्रों का उपयोग एवं महत्व, जारी प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि आदि जानकारियॉ आमजन के लिए उपलब्ध हो सकेगी एवं विभिन्न तरह की रिपोर्ट एवं सूचनायें विभागीय उपयोग हेतु उपलब्ध हो सकेगी।

शहरी क्षेत्र में पंजीकरण

प्रत्येक नगर पालिका / नगर परिषद / नगर निगम मुख्यालय पर जन्म - मृत्यु रजिस्ट्रार का कार्यालय स्थापित है, अतः जन्म - मृत्यु की सूचना घटना घटित होने के 21 दिन के अन्दर रजिस्ट्रार कार्यालय को देकर जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है ! इसके लिए परिवार के मुखिया या उसके नजदीकी रिश्तेदार द्वारा प्रपत्र - 1 में जन्म की सूचना एवं प्रपत्र - 2 में मृत्यु की सूचना भरकर देनी होती है! जन्म का रजिस्ट्रीकरण बच्चे के नाम के बिना भी करवाया जा सकता है ।

ग्रामीण क्षेत्र में पंजीकरण

ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत कार्यालय / प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जन्म - मृत्यु रजिस्ट्रार का कार्यालय स्थापित है, अतः जन्म - मृत्यु की सूचना घटना घटित होने के 21 दिन के अन्दर रजिस्ट्रार कार्यालय को देकर जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है ! इसके लिए परिवार के मुखिया या उसके नजदीकी रिश्तेदार द्वारा प्रपत्र - 1 में जन्म की सूचना एवं प्रपत्र - 2 में मृत्यु की सूचना भरकर देनी होती है ! जन्म का रजिस्ट्रीकरण बच्चे के नाम के बिना भी करवाया जा सकता है ।

FAQ- 

1. सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली क्या है ?

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जन्म एवं मृत्यु की घटनशओं को नियमित स्थाई एवं व्यवस्थित रूप से दर्ज करने की व्यवस्था ही सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली है।

2. कौन से अधिनियम एवं नियम के अन्तर्गत जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन किया जा रहा है ?
केन्द्रीय अधिनियम, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 एवं राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2000 के प्रावधानो के तहत जन्म और मृत्यु की घटनशओं का रजिस्ट्रीकरण(पंजीयन) किया जा रहा है।

3. जन्म/मृत्यु की किसी घटना के दर्ज करने के लिए क्या समय सीमा निधर्शरित है?
सामान्यतः जन्म/मृत्यु की किसी घटना को दर्ज करने के लिये 21 दिन का समय निधार्रित है।

4. क्या जन्म/मृत्यु पंजीयन के लिए कोई फीस/शुल्क निधार्रित है ?
सामान्य अवधि 21 दिन के भीतर-भीतर जन्म/मृत्यु की घटनाओं को दर्ज करने पर कोई फीस/शुल्क देय नहीं है।

5. क्या रजिस्ट्रेशन के लिए नियत समान्य अवधि 21 दिन के बाद भी रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है ?

किसी घटना का पंजीयन सामान्य अवधि 21 दिन में नहीं हुआ है तो भी ऐसी घटना को जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 में वर्णित प्रावधान व प्रक्रिया को अपनाते हुए विलम्ब शुल्क देकर पंजीयन करवाया जा सकता है।

6. क्या जन्म /मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन अनिवार्य है ?
जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 के प्रवधानो के तहत जन्म/मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन अनिवार्य है।

7. जन्म/मृत्यु की सूचना देने के लिये कौन उत्तदायी है ?
        (1) यदि जन्म या मृत्यु की घटना घर पर होती है तो उस परिवार का मुखिया या मुखिया की अनुपस्थिति में कोई निकटतम सम्बन्धी स्थानीय रजिस्ट्रशर को सूचना देने के लिए उत्तरदायी होगा।
        (II) यदि जन्म या मृत्यु की घटना अस्पताल, पुलिस स्टेशन, होटल, धर्मशाला एवं जेल में होती है तो सूचना देने के लिए उस संस्था का प्रभारी अधिकारी उत्तरदायी होगा।

8. पंजीयन के लिए किससे सम्पर्क करें?

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1969 की धारा 7 के प्रावधानो के अनुसार प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो के लिये अलग-अलग रजिस्ट्रार नियुक्त किये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्र के लिए नगर निकाय स्तर पर रजिस्ट्रार नियुक्त हैं।

9. पंजीयन पश्चात प्रमाण पत्र कहा से प्राप्त किया जा सकता है ?
पंजीयन पश्चात जिस रजिस्ट्रार के यहा पंजीयन प्रक्रिया पूर्ण की गई है, प्रमाण पत्र वहीं से प्राप्त होगा।

10. जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र की कितनी प्रतिया प्राप्त की जा सकती है ?
जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रथम प्रति निःशुल्क के अतिरिक्त जितनी भी प्रतियो की आवश्यकता है नियमानुसार शुल्क जमा कर प्राप्त की जा सकती हैं।

11. क्या बच्चे के बिना नाम का जन्म प्रमण पत्र प्राप्त किया जा सकता है ?
हॉ बच्चे का बिना नाम का जन्म प्रमण पत्र प्राप्त किया जा सकता है । 15 वर्ष की अवधि के भीतर नाम जुड़वाकर नया प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है इसके पश्चात नाम जुड़वाने का अधिनियम में प्रावधशन नहीं है।

12. जन्म प्रमाण पत्र के क्या लाभ हैं ?

  •   जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करना बच्चे का प्रथम अधिकार है एवं यह उसकी पहचान इंगित करता है । जन्म प्रमाण पत्र के निम्न लिखित लाभ/उपयोग है :-
  •    विद्यालय में प्रवेश
  •    रोजगार पाने हेतु आयु का प्रमाण
  •    विवाह हेतु आयु का प्रमाण
  •   अभिभावक की पहचान
  •   मतदाता सूची में नाम जुड़वाने हेतु
  •   पासपोर्ट पाने हेतु
  •   राशन कार्ड में नाम दर्ज करवने हेतु
  •    ड्राईविंग लाईसेन्स बनवाने हेतु
  •    बीमा पॉलिसी प्राप्त करने हेतु
  •    आधार कार्ड बनवाने हेतु

13. मृत्यु प्रमाण पत्र क्यो आवश्यक है ?

  •    सम्पत्ति के उत्तराधिकार हेतु
  •    पेंशन-बीमा के मामले निपटाने हेतु
  •    सम्पत्ति दावो को निपटाने के हेतु
  •   भूमि रूपान्तरण के लिये
  •   सामाशजिक सुरक्ष की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये

14. क्या पंजीयन पशचात संशोधन किया जा सकता है
जन्म और मृत्यु के रजिस्टर में प्रविष्टि में संशोधन के लिये नियम बनाये गये है, नियमो में दिये गये प्रावधानो के अनुसार रजिस्ट्रार प्राप्त सक्ष्यो एवं रजिस्ट्रार द्वारा स्वयं संतुष्ट होने पर नियमानुसार प्रविष्टिी में शुद्घिकरण /निरस्तीकरण किया जा सकता है।


15. रिकार्ड में शुद्घिकरण/निरस्त करने के लिऐ कोई शुल्क निर्धारित है ?

रजिस्ट्रार के रजिस्टर में या प्रमाण पत्र में शुद्घिकरण / निरस्तीकरण हेतु कोई शुल्क देय नहीं है।

16. क्या भारतीय नागरिक जिसकश जन्म भारत के बाहर अन्य देश में हुआ है का पंजीयन भारत में करवाने का प्रावधान है ?

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 की धारा 20(2)II के तहत ऐसे बालक जिनका जन्म भारत के बाहर हुआ है एवं उसके माता-पिता बालक के जन्म का भारत में रजिस्ट्रीकरण कराना चाहते है और इस इरादे से आए हो कि उन्हें अब भारत में ही रहना है तो वे भारत आने की तिथि से 60 दिन के अन्दर जन्म का रजिस्ट्रीकरण करवा सकते है, यदि 60 दिन में रजिस्ट्रीकरण नहीं करवाया गया है तो विलम्ब से पंजीयन की सामान्य प्रक्रिया एवं प्राव्धानो के अनुसशर कार्यवाही की जाकर रजिस्ट्रीकरण करवाया जा सकेगा।

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