जयपुर में अगर खुले घूमते जानवरों पर नियंत्रण कर दिया जाए तो यह एक बहुत बड़ी घटना होगी। एक प्रभावशाली कार्यक्रम प्रस्तुत है। घूमते मवेशी के लिए दो सुत्री कार्यक्रम के प्रथम सूत्र में कोई भी व्यक्ति खुले घूमते मवेशी को पकड़कर इन्हें पालने के लिए जयपुर में अपने घर पर या आस पास के अपने गाँव में कानूनन ले जा सकेगा। दुसरे उपाय के रूप में खुले घूमते मवेशी को आम जन, म्युनिसिपल कर्मचारी, पुलिस, ट्रैफिक स्टाफ, आदि कोई भी पकड़कर उनको पट्टा लगाकर पास के मंदिर के बाहर, खाली पार्क, कोई वृक्ष आदि में बांध देंगे। इसके लिए सूक्ष्मतम बिंदुओं के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम विस्तार से तैयार है। कार्यक्रम आरंभ के पश्चात अधिकतम पंद्रह दिनों के अन्दर खुले पशुओं की समस्या का स्थाई उपाय हो जाने का अनुमान है। खुले सूअरों को एक सब्जीमंडी के पास से, जहाँ उनकी बहुतायत होती है, पकड़कर तुरंत क्रेता को बेच दिया जाएगा। इसके पश्चात अनुमानतः सभी सूअर-पालक जयपुर के सभी विस्तारों से अपने सूअरों को अन्दर कर लेंगे और खुला नहीं छोड़ेंगे। एक बार के लिए सिर्फ दो दिनों में इसका हल हो जाएगा। आवारा कुत्तों को उनकी जगह पर पकड़कर खुले में उसी जगह कहीं पर बांध दिया जाएगा। तत्पश्चात, बंध्याकरण कर पहचान हेतु टैगिंग कर दी जाएगी। करीब एक महीने के अन्दर सभी आवारा कुत्तों का हल करने का लक्ष्य रखेंगे। खुले पशुओं की समस्या का हल हो जाने के पश्चात जयपुर को “खुले पशुओं से मुक्त” घोषित कर दिया जाएगा। इस उपलब्धि को एक उचित इनाम की राशि की व्यवस्था, जो खुले पशुओं के बारे में सूचित करने के लिए प्रोत्साहन स्वरुप होगी, दीर्घकालीन स्थायित्व प्रदान करेगी। खुले पशुओं के हल के बाद सभी प्रचुर हरियाली लगा सकेंगे क्योंकि मवेशियों द्वारा चरने से बचाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था और खर्च नहीं करना पड़ेगा। लोगों का स्वास्थ्य और जीवन स्तर सुधरेगा। खुले पशुओं की समस्या से त्वरित और घोषित छुटकारा जयपुर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर एक नई पहचान दिलाकर पर्यटन का पसंदीदा स्थल बना देगा। खुले पशुओं का हल करने के बाद टूटी सड़कों, आश्रयहीन लोगों, तथा छोटे-बड़े व्यावसायिक अतिक्रमण का भी ऐसा ही प्रभावी और त्वरित हल लाकर हम जयपुर को भारत का प्रथम स्मार्ट सिटी बनाकर अगले तीन महीनों के अन्दर हम राजस्थान तथा भारत के विकास के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करेंगे। धन्यवाद। संजय समर्थ sanjkaav@gmail.com
जयपुर में अगर खुले घूमते जानवरों पर नियंत्रण कर दिया जाए तो यह एक बहुत बड़ी घटना होगी। एक प्रभावशाली कार्यक्रम प्रस्तुत है।
ReplyDeleteघूमते मवेशी के लिए दो सुत्री कार्यक्रम के प्रथम सूत्र में कोई भी व्यक्ति खुले घूमते मवेशी को पकड़कर इन्हें पालने के लिए जयपुर में अपने घर पर या आस पास के अपने गाँव में कानूनन ले जा सकेगा। दुसरे उपाय के रूप में खुले घूमते मवेशी को आम जन, म्युनिसिपल कर्मचारी, पुलिस, ट्रैफिक स्टाफ, आदि कोई भी पकड़कर उनको पट्टा लगाकर पास के मंदिर के बाहर, खाली पार्क, कोई वृक्ष आदि में बांध देंगे। इसके लिए सूक्ष्मतम बिंदुओं के साथ सम्पूर्ण कार्यक्रम विस्तार से तैयार है। कार्यक्रम आरंभ के पश्चात अधिकतम पंद्रह दिनों के अन्दर खुले पशुओं की समस्या का स्थाई उपाय हो जाने का अनुमान है।
खुले सूअरों को एक सब्जीमंडी के पास से, जहाँ उनकी बहुतायत होती है, पकड़कर तुरंत क्रेता को बेच दिया जाएगा। इसके पश्चात अनुमानतः सभी सूअर-पालक जयपुर के सभी विस्तारों से अपने सूअरों को अन्दर कर लेंगे और खुला नहीं छोड़ेंगे। एक बार के लिए सिर्फ दो दिनों में इसका हल हो जाएगा।
आवारा कुत्तों को उनकी जगह पर पकड़कर खुले में उसी जगह कहीं पर बांध दिया जाएगा। तत्पश्चात, बंध्याकरण कर पहचान हेतु टैगिंग कर दी जाएगी। करीब एक महीने के अन्दर सभी आवारा कुत्तों का हल करने का लक्ष्य रखेंगे।
खुले पशुओं की समस्या का हल हो जाने के पश्चात जयपुर को “खुले पशुओं से मुक्त” घोषित कर दिया जाएगा। इस उपलब्धि को एक उचित इनाम की राशि की व्यवस्था, जो खुले पशुओं के बारे में सूचित करने के लिए प्रोत्साहन स्वरुप होगी, दीर्घकालीन स्थायित्व प्रदान करेगी।
खुले पशुओं के हल के बाद सभी प्रचुर हरियाली लगा सकेंगे क्योंकि मवेशियों द्वारा चरने से बचाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था और खर्च नहीं करना पड़ेगा। लोगों का स्वास्थ्य और जीवन स्तर सुधरेगा। खुले पशुओं की समस्या से त्वरित और घोषित छुटकारा जयपुर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर एक नई पहचान दिलाकर पर्यटन का पसंदीदा स्थल बना देगा। खुले पशुओं का हल करने के बाद टूटी सड़कों, आश्रयहीन लोगों, तथा छोटे-बड़े व्यावसायिक अतिक्रमण का भी ऐसा ही प्रभावी और त्वरित हल लाकर हम जयपुर को भारत का प्रथम स्मार्ट सिटी बनाकर अगले तीन महीनों के अन्दर हम राजस्थान तथा भारत के विकास के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करेंगे।
धन्यवाद।
संजय समर्थ
sanjkaav@gmail.com